# जिस प्रकार गंदगी में से बारबार अलग करने पर भी गंदगी का कीड़ा गंदगी ही की ओर भागता है, ठीक उसी प्रकार जो नीच कार्य करने से नहीं चूकते हैं, वे दुष्ट प्रवृत्ति के ही लोग हो सकते हैं।* चेतन कौशल "नूरपुरी"
# जो बीत गया, भूतकाल बन गया, वह अपना नहीं रहा। जो आया ही नहीं, भविष्यकाल है, वह अभी अपना हुआ नहीं। जो अभी है, वर्तमानकाल है, यही अपना है, इसे सम्भालना है, सदुपयोग करना है, कुछ अच्छा करना है, क्या भरोसा अगले पल फिर सांस लेना मिले न मिले।* चेतन कौशल "नूरपुरी"
# किसी समस्या का हल फंदा लगाकर प्रांणात कर लेने से नहीं हो सकता, धैर्य सहित जिंदा रहकर किया जा सकता है। समस्या का अंत करना चाहिए, जिंदगी का नहीं।* चेतन कौशल "नूरपुरी"