11. जुलाई 2017 / 1 Comment जयशंकर प्रसाद विचारकों के कथन :-पाषाण के भीतर भी मधुर स्रोत होते हैं।, उसमें मदिरा नहीं, शीतल जल की धारा बहती है।- जयशंकर प्रसाद
10. जुलाई 2017 / 0 Comments स्वामी आर्यवेश विचारकों के कथन :-अच्छे के साथ अच्छे बनें, बुरे का साथ छोड़ दें, क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता।- स्वामी आर्यवेश
5. मार्च 2016 / 0 Comments आचार्य श्रीराम शर्मा विचारकों के कथन :-मानसिक बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है कि हृदय को घृणा से और मन को भय व चिंता से मुक्त रखा जाए।- आचार्य श्रीराम शर्मा
5. मार्च 2016 / 0 Comments श्रीराम शर्मा विचारकों के कथन :-भजन और प्रार्थना जीभ से नहीं, हृदय से होते हैं।- श्रीराम शर्मा
5. मार्च 2016 / 0 Comments जय शंकर प्रसाद विचारकों के कथन :-दरिद्रता सब पापों की जननी है तथा लोभ उसकी संतान है।- जय शंकर प्रसाद