12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments संतान चेतन आत्मोवाच 75 :-वह सन्तान अच्छी है, जो पावों पर अपने खड़ी है lकर्तव्य अपना समझती है, मनः समाज की सच्ची कड़ी है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments सहारा चेतन आत्मोवाच 74 :-सहारा होता है जो बेसहारों का, वह दर्द हर लेता है lजहर नदी, नाले, झरनों का, मनः शांत समुद्र पी लेता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments प्रेम चेतन आत्मोवाच 73 :-बिना दर्द के जो होता है, वह होता है प्रेम नहीं lदर्द नहीं होता जिसमें, मनः होता है वह प्रेम नहीं llचेतन कौशल "नूरपुरी"
12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments फ़कीर चेतन आत्मोवाच 72 :-राजा से फकीर अच्छा, दिलों पर राज करता है lदुःख में रहता है राजा, मनः जन, धन पर राज करता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
12. दिसम्बर 2024 / 0 Comments बुरे दिन चेतन आत्मोवाच 71 :-गीदड़ की मौत आती है, उसे गाँव की राह भाती है lबुरे दिन आते हैं, मनः बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है llचेतन कौशल "नूरपुरी"