10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments बढ़ना है आगे चेतन आत्मोवाच 45 :-पिछला कम निपटा दे, फिर तू बढ़ आगे lगति बना तू कुछ ऐसी अपनी, मनः तन आलस छोड़ कर भागे llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments जीवन की सफलता चेतन आत्मोवाच 44 :-बातों में उनको न लगा, तू मुर्ख क्यों बनता है ?रह मग्न तू अपने कर्म में. मनः जीवन सफल बनता है llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments लोकहित में चेतन आत्मोवाच 43 :-लोकहित की बात, कर्म कर, सुन और बोल l दिव्य शक्ति साथ तेरे, मनः फिर न तू डोल llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments स्वावलम्बन चेतन आत्मोवाच 42 :-छोटी-छोटी जरूरत पूरी करता चल, एक दिन स्वावलंबी हो जायेगा lमेहनत करता चल तू, मनः धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जायेगा llचेतन कौशल "नूरपुरी"
10. दिसम्बर 2024 / 0 Comments नीली चादर तले चेतन आत्मोवाच 41 :-ऊपर नीली चादर, खड़ा तू तपती जमीन पर l तूने करना है क्या ? मनः किधर है ? तेरी डगर llचेतन कौशल "नूरपुरी"